बलिया : बांसडीह सरकारी अस्पताल में बाहरी दवाएं लिखने के मामले में चिकित्सकों को अधीक्षक ने थमाया नोटिस - Ballia Breaking
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    बलिया : बांसडीह सरकारी अस्पताल में बाहरी दवाएं लिखने के मामले में चिकित्सकों को अधीक्षक ने थमाया नोटिस



    फोटो - चिकित्सकों को अधीक्षक द्वारा जारी नोटिस

    बांसडीह (बलिया)। सीएचसी बांसडीह पर तैनात चिकित्सकों द्वारा बाहर को दवाएं लिखने की ख़बर प्रकाशित होने के बाद सरकारी अस्पताल में हड़कंप की स्थिति है। मामले में चिकित्सा अधीक्षक डॉ नितिन कुमार सिंह ने मंगलवार को सार्वजनिक रूप से अस्पताल में तैनात सभी चिकित्सकों को बड़े अक्षरों में नोटिस जारी कर बाहर की दवाइयां न लिखने की चेतावनी दे दी है। अधीक्षक द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है की, संज्ञान में आया है की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों द्वारा बाहर की दवाएं लिखी जा रहीं हैं। जबकि अस्पताल में सभी दवाएं उपलब्ध हैं। बावजूद इसके यदि भविष्य के किसी भी चिकित्सक द्वारा बाहर की दवाएं लिखी जाती हैं तो दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसे लेकर चिकित्सा अधीक्षक नितिन कुमार सिंह ने बताया कि प्रकरण में सभी चिकित्सकों को चेतावनी निर्गत करते हुए स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी भी दशा में बाहर की दवाएं नही लिखी जायेगी। सभी चिकित्सकों को इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन करने के निर्देश दिए गए हैं। इस आशय का पत्र अस्पताल परिसर में सभी स्थानों पर मरीजों के लिए भी यह सूचना चस्पा करा दी जा रही है कि किसी भी चिकित्सक द्वारा यदि बाहर की दवा लिखी जाती है तो इस संबंध में अस्पताल प्रशासन को तत्काल सूचना दी जाए। किसी भी हाल में बाहर की दवाएं नही लिखी जायेगी।

    फोटो - अभिजीत तिवारी सत्यम,महासचिव युवा कांग्रेस


    सरकारी अस्पताल में मरीजों को बाहर की दवाएं लिखने की ख़बर पर युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव अभिजीत तिवारी सत्यम ने कहा कि यह सीधे सीधे गरीबों की जेब पर हमला है,सरकारी अस्पताल में जाने वाले मरीज आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के होते है,अगर उनको बाहर की दवाएं लिखवानी होती तो वह सरकारों अस्पताल क्यों जाता। इस मामले में पत्रक के माध्यम से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है। अगर कोई कार्यवाही नहीं होती है तो जल्द ही सीएचसी अधीक्षक का घेराव आंदोलन किया जाएगा।


    फ़ोटो - निर्भय सिंह, अध्यक्ष युवा हल्ला बोल

    युवा हल्लाबोल के जिलाध्यक्ष निर्भय सिंह ने कहा कि शासन की तरफ से भले ही एक रुपये के परचे पर इलाज करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन चिकित्सकों की मनमानी और दवा दुकानदारों द्वारा दिए जा रही मोटे कमीशन की चलते मरीजों को दवाएं बाहर से ही खरीदनी पड़ रही हैं। इन चिकित्सकों पर कड़ी कार्यवाही के साथ जिला प्रशासन को समय समय पर जांच अभियान भी चलाना चाहिए। क्योंकि यह मामला गरीब आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को लूटने का है।