बलिया : प्रसव के दौरान हुई जच्चा बच्चा की मौत के मामले में स्टाफ नर्स निलंबित
बांसडीह (बलिया)। कस्बे के डॉकबंगले के समाने स्थित सरकारी नर्स के आवास पर बीते चार दिसंबर को प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत मामले में जेल में निरुद्ध स्टाफ नर्स मंजू सिंह को महानिदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें) डॉ रतन पाल सिंह सुमन ने निलंबित कर दिया है।
यह था पूरा मामला
स्थानीय कोतवाली क्षेत्र के रुकूनपुरा (मंझरिया) निवासी लाल साहब की पत्नी सुधा देवी को प्रसव पीड़ा होने पर आशा बहू मीना देवी ने कस्बे के पिंडहरा गांव में अपना आवास बना कर रहने वाली सामुदायिक स्वास्थ केंद्र रेवती पर तैनात स्टाफ नर्स मंजू सिंह के घर में संचालित क्लीनिक पर भर्ती कराया था।वहां 20 हजार रुपये में प्रसव कराने की बात तय हुई,तत्काल परिजनों ने 12 हजार रुपये तत्काल जमा कर दिया था, जिसमें चार हजार नगद व आठ हजार ऑनलाइन दिया गया था वही बाकी का शेष पैसा प्रसव के बाद देना था।
प्रसूता की मौत के बाद मचा था हंगामा
घटनाक्रम में प्रसव के बाद बच्चा और उसके बाद प्रसूता की भी मौत हो गई थी। जच्चा-बच्चा की मौत के बाद नर्स पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिवार के लोगों ने हंगामा किया। मृतका के देवर ईश्वरचंद साहनी की तहरीर पर स्टाफ नर्स मंजू, उसके पति नंदकुली सिंह तथा बेरुआरबारी की आशा बहू मीना देवी के साथ तीन अन्य अज्ञात के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया।
तीन सदस्यीय टीम ने किया प्रकरण की जांच
सीएमएस ने प्रकरण की जांच तीन सदस्यीय टीम से कराई। जांच में पुष्टि होने के बाद रिपोर्ट चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक को भेजी गई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर महानिदेशक डॉ रतन पाल सिंह ने स्टाफ नर्स मंजू को निलंबित कर दिया है।