रोहित हत्याकांड मामला : अब सीबीसीआईडी करेगी मामले की जांच,घटना के दो अभियुक्तों के चाचा की शिकायत का शासन ने लिया संज्ञान
- घटना के दो अभियुक्तों के चाचा की शिकायत का शासन ने लिया संज्ञान
- प्रकरण में आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल कर चुकी है पुलिस
बांसडीह,बलिया : क्षेत्र के कोतवाली गेट के सामने हुए रोहित पाण्डेय की निर्मम हत्याकांड की जांच अब शासन द्वारा सीबीसीआईडी को सौंप दी गयी है। प्रकरण में कोतवाली पुलिस द्वारा सेरियां निवासी दो युवकों को विवेचना के दौरान प्रकाश में लाकर की गयी नामजदगी के खिलाफ आरोपितों के स्वजन की शिकायत पर शासन द्वारा उक्त प्रकरण में पुलिस की कारवाई की जांच अब सीबीसीआईडी को सौंप दी गयी है।
इस संबंध में विशेष सचिव उत्तर प्रदेश शासन राकेश कुमार मालपाणी द्वारा पत्र जारी कर बलिया पुलिस को निर्देशित किया गया है कि वे नियमानुसार निर्धारित चेकलिस्ट के अनुसार बिंदुवार आख्या और स्पष्ट संस्तुति शासन को तत्काल उपलब्ध करायें।
यह था पूरा मामला
विगत 20 जुलाई 2024 को कस्बे के मिरिगिरी टोला निवासी युवक रोहित पांडे की कोतवाली गेट के सामने बदमाशों द्वारा धारदार हथियारों से काटकर निर्मम हत्या कर दी गयी थी। प्रकरण में रोहित के चचेरे भाई राजेश पांडे की तहरीर पर कुल सात अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद मामले में विवेचना के दौरान पुलिस ने क्षेत्र के छोटकी सेरियां निवासी दो सगे भाइयों अविनाश व अभिषेक सिंह का नाम प्रकाश में लाकर उन्हें भी आरोपी बनाया गया । मामले के सभी आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया लेकिन विवेचना के दौरान शामिल अविनाश सिंह व अभिषेक सिंह अब तक फरार चल रहें है।
न्यायालय के आदेश पर आरोपितों के घर पुलिस ने किया था कुर्की की कार्यवाही,आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल
विवेचना के दौरान शामिल अविनाश सिंह व अभिषेक सिंह गिरफ्तारी न होने पर पुलिस ने बीते दिनों न्यायालय के आदेश पर उनके खिलाफ कुर्की की कारवाई भी की। इसके बाद पुलिस ने प्रकरण में आरोपपत्र भी न्यायलय में दाखिल कर दिया है।
अभियुक्तों के चाचा ने शासन को सीबीसीआईडी जांच के लिए लिखा पत्र
इस प्रकरण में दोनों अभियुक्तों के चाचा निर्भय नरायन सिंह ने मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन से शिकायत की थी कि पुलिस द्वारा बिना किसी ठोस आधार व इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के उनके दोनों भतीजों को फंसाया गया है। जो कि पूरी तरह गलत है। मामले में शिकायत को लेकर मुख्य सचिव के निर्देशानुसार शासन द्वारा उक्त प्रकरण की सीबीसीआईडी से जांच कराने के निर्देश दिये गये हैं।
यह था पूरा प्रकरण
विगत 20 जुलाई को युवक रोहित पांडे की कोतवाली गेट के सामने धारदार हथियार से काटकर हत्या कर दी गयी थी। घटना के बाद बाजार में हड़कंप मच गया था। दहशत से स्थानीय लोगों की दुकानें बंद हो गयी और लोग इधर उधर भागने लगे थे। घटना के बाद उपजे आक्रोश से कोतवाली गेट पर पत्थरबाजी भी हुई। जिसके बाद बड़ी संख्या में एसपी व एडिशनल एसपी के नेतृत्व में पहुचीं पुलिस ने बल प्रयोग कर स्थिति को नियंत्रित किया था। मामले में मृतक के चचेरे भाई राजेश पांडे की तहरीर पर रोहित यादव उर्फ राइडर , शेखर यादव, बागी यादव , अंकित यादव निवासी दरांव , जवाहर गोंड़, प्रकाश यादव निवासी पिंडहरा सहित निशांत सिंह निवासी शीतल दवनी थाना बांसडीहरोड व कुछ अन्य अज्ञात के खिलाफ हत्या व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। घटना के बाद फरार आरोपितों पर एसपी द्वारा 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था। घटना के बाद पुलिस ने 23 जुलाई को अंकित यादव व ओमप्रकाश यादव को गिरफ्तार कर लिया । इसके बाद उसी दिन घटना के मुख्य अभियुक्त रोहित यादव उर्फ राइडर व शेखर गुप्ता निवासी दरांव ने पुलिस से बचकर न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। इसी क्रम में 25 व 26 जवाहर गोंड़ व धर्मेंद्र उर्फ बागी यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। घटना में एक अन्य अभियुक्त निशांत सिंह निवासी शीतल दवनी का नाम मुकदमे से निकाल दिया गया। इसी दौरान विवेचक ने घटना में शामिल दो अज्ञात अभियुक्तों सगे भाई अभिषेक सिंह व अविनाश सिंह निवासी छोटकी सेरियां थाना बांसडीह का नाम प्रकाश में ला दिया । जिसके बाद वे अब तक फरार चल रहे हैं।