बलिया : नवागत कोतवाल ने BNS के तीन नए कानूनों और उनमें हुए बदलाव के लिए चलाया जागरूकता अभियान
बांसडीह,बलिया। पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में स्थानीय कोतवाली पुलिस ने भारत सरकार के 03 नये आपराधिक कानून "भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता" के सम्बन्ध में स्नातकोत्तर महाविद्यालय बांसडीह में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। नवागत कोतवाल प्रवीण सिंह ने उपस्थित सभी को इन कानूनों एवं हालिया हुए बदलाव के बारे में विस्तार से जानकारी दिया। जागरुकता कार्यक्रमों के दौरान बताया गया कि देश में 03 नये आपराधिक कानून लागू हो चुके हैं, इसके तहत कई कानून बदल गए हैं, जिससे भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव आएंगे, ब्रिटिश काल के कानूनों का अंत हो चुका है।
श्री सिंह ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता के कुछ बदलाव किए गए है,जिनमें मॉब लीचिंग को अब अपराध की श्रेणी में रखा गया है ,संगठित अपराध को अब केंद्रीय अपराध माना गया है।
सभी प्रारंभिक अपराधों के तहत षड्यंत्र प्रयास और उकसाना,सरकारी दस्तावेजों की जालसाजी, हिट एंड रन ,आतंकवादी गतिविधियों,झूठी सूचना,फर्जी खबर फैलाने,धोखे से यौन संबंध,गैंगरेप प्रावधान का विस्तार, अप्राकृतिक अपराध, विदेश में किए गए अपराध, सामुदायिक सेवा अन्य अपराध सहित कई मामलों में सजा बढ़ाना और दंडनीय बनाया गया है। बताया कि अब कही से भी ई एफ आई आर ,बिना क्षेत्र की बाध्यता के जीरो एफ आई आर,बयानों की वीडियो कॉन्फ्रेंस,फॉरेंसिक साक्ष्य, हस्ताक्षर और उंगलियों के निशान, ई संचार और ई परीक्षण के तहत सभी सुनवाई और पूछताछ इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से, फिंगरप्रिंट और वॉयस सैंपल का प्रावधान, वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य,इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को दस्तावेज के रूप में मान्यता सहित अन्य बदलाव किए गए है जो जनहित में है।
उन्होंने बताया कि इन नए प्रावधानों से कानून को अधिक स्पष्ट और न्याय संगत बनाने में मदद मिलेगी जिससे नागरिकों की सुरक्षा और न्यायिक व्यवस्था को और मजबूत किया जा सकेगा। उन्होंने महिला सशक्तिकरण, वूमेन पावर,1090 ,मिशन शक्ति 5.0 आदि की भी विशेष जानकारी दिया।
मौके पर विद्यालय के प्राचार्य,चौकी प्रभारी सौरभ श्रीवास्तव सहित छात्र-छात्राओं और आम नागरिकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।


